Kalla ji rathore - शीश कटने पर भी लड़ता रहा था धड़, ऐसा थ अकबर की सेना से लड़ने वाला शूरवीर
Historical Story of kallaji Chittorgarh yudh me kya hua tha :- वीर कल्लाजी राठौड़ शीश कटने पर भी लड़ता रहा था धड़, ऐसा थ अकबर की सेना से लड़ने वाला शूरवीर कल्लाजी राठौड़ का इतिहास (प्रामाणिक इतिहास के आधार पर) कल्ला जी राठौड़ वे शूरवीर थे, जिन्होंने चित्तौड़ पर अकबर के आक्रमण के समय महाराणा उदयसिंह की सेना में शामिल होकर अपनी वीरता का परिचय दिया था। युद्ध में सेनापति जयमल सिंह राठौड़ थे। उनके पांव घायल हुए तो 24 साल के कल्ला जी ने उन्हें कंधों पर बिठाकर चार भुजाओं के साथ युद्ध किया। दो भुजाएं कल्ला जी की और दो जयमल की। जयमल खेत रहे तो कल्ला जी लड़े और उनका सिर कट गया, लेकिन लोकमान्यता है कि उनका कबंध काफी समय तक यानी बिना सिर वाला धड़ काफी समय लड़ता रहा। वे करीब 180 मील रनेला पहुंचे, जहां उनकी जागीर थी। कल्याण शक्ति पीठ के चैतन्य रावल बताते हैं, यह मेला हर साल मनाया जाता है, क्योंकि कल्ला जी की वीरता ही ऐसी अदभुत थी। कल्ला जी का विवाह हो रहा था और इसी बीच युद्ध के नगाड़े बज गए थे। वे उसी समय अपनी नववधू कृष्णाकंवरी चौहान को वचन देकर युद्ध में चले गए कि युद्ध में चाहे जो ह...
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